शिक्षक भर्ती घोटाला: पश्चिम बंगाल के 25,000 कर्मचारी बर्खास्त, ब्याज समेत लौटाना होगा वेतन; ममता सरकार को बड़ा झटका



सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के 25,000 शिक्षकों की बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी। उच्च्तम न्यायालय का यह फैसला ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने 3 अप्रैल, 2025 को फैसले सुनाते हुए भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। कहा, अनियमिताओं के कारण यह नियुक्तियां रद्द की गई हैं।



मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की संयुक्त पीठ ने भर्ती प्रक्रिया में तमाम खामियां गिनाई हैं। कहा, पूरी चयन प्रक्रिया ही दूषित और दागी है। शिक्षकों की नियुक्ति में व्यापक स्तर की गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिस कारण नियुक्तियां अमान्य करना ही उचित है। ऐसे शिक्षकों को पद पर नहीं बनाए रखा जा सकता।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अप्रैल 2024 में इस मामले में फैसला सुनाते हुए पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ 25,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी थी। साथ ही विवादास्पद भर्ती प्रक्रिया से नियुक्त सभी शिक्षकों को पद से हटाने का आदेश दिया था। प्रभावित लोगों हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अब शीर्ष न्यायालय ने भी उनकी नियुक्ति को अवैध माना है।



यह है पूरा मामला पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने 2016 में राज्य के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती निकाली थी। 24,640 पदों के लिए 23 लाख अभ्यर्थियो ने आवेदन किया। लेकिन 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए।
भर्ती प्रक्रिया में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ और रैंक-जंपिंग जैसी कई अनियमितताएं सामने आईं थीं। जिस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने नियुक्तियां रद्द कर दी थी।
पश्चिम बंगाल सरकार व प्रभावित पक्षों ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी। सर्वोच्च न्यायालय ने 19 दिसंबर, 2024 को मामले पर सुनवाई शुरू की और 3 अप्रैल, 2025 को सुनाया सुनाया।

12% ब्याज के साथ लौटाना होगा वेतन
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है। लिहाजा, गलत तरीके से भर्ती किए गए शिक्षकों को वेतन-भत्तों के तौर मिली राशि 12% ब्याज के साथ सरकार के खजाने में जमा करानी होगी। यह वसूली उन शिक्षकों से की जाएगी, जिनकी नियुक्ति मान्यता प्राप्त रिक्तियों के बाहर या आधिकारिक भर्ती तिथि समाप्ति होने के बाद की गई है।



अफसरों की बढ़ सकती है मुश्किल
सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियां रद्द कर दी है, लेकिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भर्ती घोटाले की जांच जारी रखने को कहा है। इससे भर्ती प्रक्रिया से जुड़े सरकारी अफसरों व नेताओं की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मई 2024 में जांच के निर्देश दिए थे।

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