नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी 2025 को हुई भीषण भगदड़ की घटना के दो सप्ताह बाद रेलवे मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इस हादसे में 18 यात्रियों की मौत हुई थी, जबकि कई घायल हो गए थे। रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवालों के बीच यह तबादला निर्णय लिया गया।
कौन-कौन से अधिकारी हटाए गए?
रेलवे बोर्ड और नॉर्दर्न रेलवे द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक, जिन अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, उनमें शामिल हैं:
- डीआरएम (DRM) सुखविंदर सिंह – दिल्ली डिविजन के मौजूदा डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) सुखविंदर सिंह का कार्यकाल इस साल के अंत में पूरा होना था, लेकिन उन्हें हटाकर पुष्पेश आर. त्रिपाठी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- एडिशनल DRM विक्रम सिंह राणा – इनकी जगह समीर कुमार को नियुक्त किया गया है।
- स्टेशन डायरेक्टर महेश यादव – अब लक्ष्मी कांत बंसल नए स्टेशन डायरेक्टर होंगे।
- सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर (DCM) आनंद मोहन – इनकी जगह निशांत नारायण को तैनात किया गया है।
- RPF असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर (ASC) महेश चंद सैनी – इनके स्थान पर चेतन दिलीपराव जिचकर को नियुक्त किया गया है।
तबादलों का भगदड़ कांड से संबंध
हालांकि रेलवे के आधिकारिक आदेशों में इन तबादलों का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय भगदड़ की घटना के मद्देनजर लिया गया है। रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि उच्च प्रशासनिक स्तर पर भी जवाबदेही तय की जा रही है। इन अधिकारियों की लापरवाही और कर्तव्य में चूक को गंभीरता से लिया गया है।"
कुछ अधिकारियों का तबादला उनके कार्यकाल की सामान्य अवधि से पहले कर दिया गया, जो इस घटना की संवेदनशीलता को दर्शाता है। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे।
नई नियुक्तियाँ और भविष्य की रणनीति
रेलवे बोर्ड ने दिल्ली डिविजन के नए DRM पुष्पेश आर. त्रिपाठी को तत्काल कार्यभार संभालने के निर्देश दिए हैं। वहीं, चेतन दिलीपराव जिचकर को RPF के नए असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, लक्ष्मी कांत बंसल और निशांत नारायण को क्रमशः स्टेशन डायरेक्टर और सीनियर DCM की जिम्मेदारी दी गई है।
रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। साथ ही, स्टेशन परिसरों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा और सुधार की योजना बनाई जा रही है।