मध्यप्रदेश में अवैध जुए और सट्टे का कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। रोजाना लाखों-करोड़ों रुपये का लेन-देन हो रहा है, और इस गोरखधंधे के पीछे संगठित अपराध की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक बड़ी कार्रवाई में महू के कुख्यात 'सट्टा किंग' के ऑनलाइन सट्टा साम्राज्य का पर्दाफाश हुआ है। इस सट्टेबाज ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 'मटका सट्टा' का खेल खड़ा किया था।
कैसे खड़ा हुआ करोड़ों का साम्राज्य?
गुजरखेडा (महू) निवासी लोकेश वर्मा ने इंदौर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनोज मालवीय के साथ मिलकर अवैध सट्टे का डिजिटल नेटवर्क तैयार किया। महज 10 लाख रुपये की लागत से 'धन कुबेर' और 'धन गेम' नामक ऑनलाइन सट्टा ऐप्स विकसित किए गए। इसके बाद इनकी मदद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मटका सट्टा का कारोबार फैलाया गया।
बड़े कारोबारियों की संलिप्तता
इस अवैध धंधे में बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों को भी जोड़ा गया। लालच में आकर कई लोगों ने 2% कमीशन पर इस नेटवर्क में निवेश किया। इस सट्टा साम्राज्य को विस्तार देने के लिए को-ऑपरेटिव बैंकों में फर्जी खाते खोले गए, जिससे करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया।
2020 में पहली बार हुआ भंडाफोड़
इस पूरे नेटवर्क की पहली सूचना महू पुलिस को 2020 में मिली थी। अक्टूबर 2020 में गुजरखेडा स्थित एक मकान पर छापा मारकर पुलिस ने 9 सटोरियों को गिरफ्तार किया और 1.33 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में लोकेश वर्मा, विकास यादव, जितेंद्र लोवंशी, हेमंत गुप्ता, सोनू गुप्ता, पलाश अभिचंदानी, शुभम कलमें, मुकेश अभिचंदानी और मनोज मालवीय शामिल थे। पुलिस ने को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारियों से भी पूछताछ की और करोड़ों रुपये के बैंक खाते फ्रीज किए गए।
ईडी की एंट्री और 9 करोड़ की संपत्ति जब्त
महू पुलिस की जांच के बाद मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) तक पहुंचा। ईडी ने सट्टा कारोबार की तह तक जाने के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में पता चला कि इस नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपये का काला धन विदेशों तक पहुंचाया जा रहा था।
पिछले एक साल में ईडी ने इस सट्टा गिरोह के खिलाफ कई अहम कदम उठाए:
एक छापेमारी में 46 लाख रुपये नकद बरामद हुए।
मुख्य आरोपी मनोज मालवीय और उसके सहयोगियों के ठिकानों की तलाशी ली गई।
ताजा कार्रवाई में ईडी ने मनोज मालवीय की 1 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है।
अब तक कुल 9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
सट्टा नेटवर्क के खिलाफ जारी है जांच
ईडी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से कई बड़े खुलासे हुए हैं। इस पूरे नेटवर्क की जड़ें गहरी होने के कारण जांच एजेंसियां इसे समाप्त करने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस गिरोह से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं।