पुणे के बाद अब अन्य राज्यों में भी फैल रहा जीबीएस, तेलंगाना में 25 वर्षीय महिला में संक्रमण की पुष्टि
महाराष्ट्र के पुणे में तेजी से फैल रहा दुर्लभ तंत्रिका विकार गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) अब अन्य राज्यों में भी दस्तक दे रहा है। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बाद अब तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में इस संक्रमण का पहला मामला सामने आया है।
सिद्दीपेट के केआईएमएस अस्पताल ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि 25 वर्षीय महिला मरीज में GBS की पुष्टि हुई है और फिलहाल उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। अस्पताल के अनुसार, मरीज का पुणे की यात्रा का कोई इतिहास नहीं है, जिससे संक्रमण के प्रसार को लेकर चिंता बढ़ गई है।
GBS क्या है और कैसे फैलता है?
सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण कुमार यादा ने बताया कि गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक ऑटोइम्यून तंत्रिका रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वयं के तंत्रिका तंत्र पर हमला करने लगती है। यह अक्सर वायरल संक्रमण, बुखार या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के बाद विकसित होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र के पुणे और आसपास के क्षेत्रों में जीबीएस का प्रकोप संभावित रूप से दूषित जल स्रोतों से जुड़ा हो सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, ‘कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ नामक बैक्टीरिया दूषित पानी और भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है, जिससे यह बीमारी उत्पन्न होती है।
तेलंगाना में कैसे सामने आया मामला?
संबंधित महिला मरीज को शुरुआत में एक सप्ताह तक अन्य अस्पताल में इलाज दिया गया था, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर उसे सिद्दीपेट के केआईएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। हालांकि, जिले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह मामला अभी तक प्रशासन के संज्ञान में नहीं आया है।
पश्चिम बंगाल में दो की मौत
पश्चिम बंगाल में भी जीबीएस के कारण अब तक दो मरीजों की मौत हो चुकी है। कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती 10 वर्षीय बच्चे की पिछले रविवार को मृत्यु हो गई, जबकि उत्तर 24 परगना जिले के एक 12वीं कक्षा के छात्र की भी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत हो गई।
महाराष्ट्र में अब तक तीन मौतें
इससे पहले महाराष्ट्र के पुणे में जीबीएस के कारण तीन मरीजों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। पुणे में इस बीमारी के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सतर्क कर दिया है, और संक्रमण के स्रोत तथा प्रसार को रोकने के लिए विस्तृत जांच जारी है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जीबीएस कोई संक्रामक बीमारी नहीं है, लेकिन इसके मामले अचानक बढ़ना चिंताजनक है। अधिकारियों ने पेयजल स्रोतों की निगरानी और बीमारियों के लक्षणों पर सतर्कता बरतने की सलाह दी है।