जबलपुर । मप्र की सबसे बड़ी तहसील रही सिहोरा को विखंडित कर छोटा बना दिया और जिले की संपूर्ण प्रक्रिया होने के बाद भी उसकी अंतिम अधिसूचना को रोक कर रखा, यह नग्न करना नहीं तो क्या है। और इसलिए आज अर्धनग्न होकर हमने सिहोरा की वास्तविक स्थिति को सरकार के समक्ष रखने का प्रयास किया है । वास्तव में सिहोरा को राजनीतिक दलों ने पिछले 20 वर्षों से नग्न करके रखा हुआ है। यह आरोप लक्ष्य जिला आंदोलन समिति ने अपने धरना में किए जा रहे अर्धनग्न प्रदर्शन में मप्र सरकार के ऊपर लगाया। समिति सदस्यों ने अर्धनग्न प्रदर्शन करते हुए आंकड़े दिए कि सिहोरा के अंतर्गत रहने वाले बहोरीबंद, मझौली और ढीमरखेड़ा आज स्वयं तहसील है। वर्ष 2001 से 2003 के मध्य जिला बनाने की संपूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है,केवल अंतिम अधिसूचना जारी कर जिला लागू करना शेष है। लक्ष्य जिला आंदोलन समिति ने सिहोरा के साथ किए गए दोनों कार्यों को सिहोरा की चीर हरण की संज्ञा देते हुए अर्धनग्न प्रदर्शन कर सिहोरा का चित्रण करने का प्रयास किया है । लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने घोषणा की कि वे किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेंगे और जब तक अपने लक्ष्य जिला सिहोरा को पा नहीं लेते आंदोलन को जारी रखा जाएगा ।
कांग्रेसियों ने दिया साथ
रविवार को चल रहे अर्द्धनग्न धरना प्रदर्शन में कांग्रेस के युवा नेता रमाशंकर चौरसिया के नेतृत्व में दर्जनों युवा धरना स्थल पहुंचे जहां सभी ने संकल्प लिया कि यह लड़ाई राजनैतिक पार्टियों की नही वरन सिहोरा के सम्मान की है जिसे सभी मिलकर आगे बढ़ाएंगे। प्रदर्शन के दौरान समिति के संतोष पांडे, अनिल जैन, विकास दुबे, सुशील जैन, मानस तिवारी, सेंकी जैन, ओमप्रकाश पटेल, राजेश कुररिया, नंदू परौहा, मयंक त्रिपाठी, अमित शुक्ला, संतोष वंशकार, नीरज सोनी, सुनील गिरी, लखन पटेल, रोहित पटेल, कान्हा पांडे, यश कुमार, शिवराम चौधरी, राजेश श्रीपाल, अमित बक्शी, नत्थू पटेल, रामजी शुक्ला, अजय विश्वकर्मा ,सजल तिवारी, शरद सेठ, मोहन सोंधिया, गुड्डू कटैहा सहित अनेक िलोग उपस्थित रहे ।
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