फोटो-अनिल तिवारी
जबलपुर । यूं तो आरपीएफ और जीआरपी की पुलिस द्वारा रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की निरंतर जांच की जाती है। लेकिन इसके बाद भी कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जो हर किसी को झकझोर कर रख देती हैं। लेकिन इन घटनाओंं को बाद भी प्रशासन मुस्तैदी नहीं बरखता। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया हैं, जहां पर जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक-1 पर लगी लगेज स्कैनर मशीन सिर्फ पुतला बनकर रह गई है। यात्री अपना सामान बिना स्कैन कराएं ही धड़ल्ले से अंदर चले जाते है। वहीं मशीन के पास बैठे आरपीएफ के सिपाही न तो यात्रियों को सामान चैक कराने के लिए कहते है और न ही सामान को स्कैनर मशीन में डालने के लिए कहते है ।
फिर कैसे रखी जाएगी सदिग्धों पर नजर
जबलपुर रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में यात्री दूसरे शहरों में सफर करने के लिए आते जाते है। जो अपने साथ सूटकेस, बैग आदि भी लाते हैं। यात्रियों के बैग के अंदर रखे सामान को सिर्फ लगेज स्कैनर की मदद से ही देखा जा सकता है। ऐसे में आरपीएफ द्वारा यात्रियों का सामान स्कैन न करना एक चिंता का विषय है। क्योंकि सामान स्कैन होने से संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी जा सकती है, और पता लगाया जा सकता है की कहीं कोई अनैतिक वस्तु तो ट्रेन में नहीं ले जा रहा है ।
मंगला एक्सप्रेस में मिली थी बम की सूचना
हाल ही में 10 जुलाई को भोपाल स्टेशन से निकलने के तुरंत बाद ही मंगला एक्सप्रेस में बम की सूचना से हड़कंप मच गया था। जिसके बाद ट्रेन को मिसरोद स्टेशन पर रोककर आरपीएफ, जीआरपी और बम स्क्वॉड द्वारा पूरी ट्रेन की तलाशी ली गई थी। बम की सूचना रेलवे कंट्रोल रूम को एक फोन के माध्यम से मिली थी। जिसमें मंगला एक्सप्रेस में बम होने की सूचना दी गई थी। हालांकि कॉलर की आवाज स्पष्ट नहीं थी। मगर, सुरक्षा की दृष्टि से तुरंत ही ट्रेन को रोककर जांच की गई थी। जब कॉल आया, उस समय ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन से निकल चुकी थी।
इन्होनें कहा...
रेलवे की सुरक्षा में किसी भी प्रकार लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इस संबंध में तत्काल संबंधितों को निर्देशित कर सभी यात्रियों को रोककर उनका सामान चैक कराने कहा जाएगा ।
अरूण कुमार त्रिपाठी, आरपीएफ कमाडेंट