जबलपुर । चंद दिनों के अंदर जबलपुर में NSUI जिलाध्यक्ष के बदले जाने पर ब्राह्मण एकता मंच द्वारा विरोध किया गया है। इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित योगेंद्र दुबे एवं राष्ट्रीय विधि सलाहकार पंडित राम दुबे ने बताया की मध्यप्रदेश में ब्राम्हण समाज को बहिष्कृत समाज माना जा रहा है, सभी तरह के लाभ घोषणा की जा रही है, चुनावी वर्ष है, फिर भी सभी दल ब्राम्हण समाज की उपेक्षा कर हैं अब ब्राम्हण समाज का अपमान और बर्दास्त नहीं होगा ।
प्रदेश स्तर पर होगा विरोध
उन्होंने बताया कि वर्तमान में ताजा उदाहरण राजनैतिक क्षेत्र में सागर शुक्ला का है, जिसे कांग्रेस व्दारा एनएसयूआई जिलाध्यक्ष का पद देने के बाद कुछ ही दिनों में हटाया दिया गया। इससे यह स्पष्ट है कि सभी राजनैतिक दलों को ब्राम्हण की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस संगठन के जिम्मेदार भी कहते है कि राजनीति में सामाजिक संतुलन हेतु यह पद से पदमुक्त किया मतलब आपके लिए ब्राम्हण सिर्फ उपयोग की वस्तु है। उसका राजनैतिक कोई अस्तित्व नहीं है। जो अब बर्दास्त नहीं किया जावेगा। यदि राजनैतिक संतुलन केवल अन्य समाजों का ही अधिकार है तो आगामी चुनाव में इसका परिणाम कांग्रेस पार्टी को भुगतना होगा। ब्राम्हण एकता मंच, भार्गव ब्राम्हण कल्याण सभा, राष्ट्रीय ब्राम्हण महासभा एवं सभी ब्राम्हण संगठनों ने यह निर्णय लिया है कि आगामी चुनाव में ब्राम्हण समाज कांग्रेस का विरोध और बहिष्कार करेगा।
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