जबलपुर। पिछले कई दिनों से मेडिकल अस्पताल में उपचारर्थ एक नवजात बालक बच्चे की पिछले दिन मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों द्वारा मेडिकल अस्पताल के प्रबंधन को नवजात का शव ले जाने शव वाहन की बात की गई। जिसपर मेडिकल द्वारा उसे वाहन देने मना कर दिया गया। इसके बाद लाचार पिता नवजात का शव थैले में रखकर निकल पडा।
ये है पूरा मामला
इस मामले में डिंडौरी के सहजपुरी निवासी सुनील धुर्वे ने बताया कि उनकी पत्नी जमनी बाई ने 13 जून को जिला अस्पताल में पहली डिलीवरी हुई थी। जहां पर उसने बेटे को जन्म दिया था। जन्म के वक्त से ही नवजात शारीरिक रूप से कमजोर था। जिसके चलते 14 जून को डॉक्टर ने उसे जबलपुर मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया था। लेकिन इलाज के दौरान 15 जून को नवजात की मौत हो गई। पीडित पिता के मुताबिक उसे अपने बच्चे का शव लेकर वापस डिंडौरी जाना था। जिसपर उसने मेडिकल अस्पताल के प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने की बता कही। लेकिन प्रबंधन द्वारा मना कर दिया गया।
बच्चे का शव लेकर बस से गया डिंडौरी
पीडित पिता के मुताबिक जब मेडिकल अस्पताल के प्रबंधन द्वारा शव वाहन देने से मना कर दिया गया तो उसे मजबूरन अपने बच्चे का शव एक थैले में रखकर बस से डिंडौरी जाना पडा। रास्ते भर वह यही सोचता रहा कि कही बस वालों यह बात पता न चल जाए। नहीं तो वे भी उसे नीचे उतार देंगे।