एलन मस्क की ब्रेन-चिप कंपनी न्यूरालिंक को ह्यूमन ट्रायल के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मंजूरी मिल गई है। अगर यह ट्रायल कामयाब रहा तो चिप के जरिए नेऋहीन लोग भी अब देख सकेंगे। पैरालिसिस से पीड़ित मरीज सोचकर मोबाइल और कंप्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे। मस्क ने न्यूरालिंक की टीम को ट्वीटर के जरिए बधाई दी है। उन्होंने लिखा कि हम यह शेयर करने के लिए उत्साहित हैं कि हमें अपनी पहली ह्यूमन क्लिनिकल स्टडी शुरू करने के लिए का अप्रूवल मिल गया है। एक दिन हमारी तकनीक कई लोगों की मदद करेगी। हमारे क्लिनिकल ट्रायल के लिए रिक्रूटमेंट अभी ओपन नहीं हुआ है। हम जल्द ही इसकी जानकारी देंगे।
सोच के जरिए कर सकेंगे एक्टिविटी
जानकारी के मुताबिक न्यूरालिंक ने यह डिवाइस सिक्के के आकार का बनाया है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने में सक्षम करता है। पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क में चिप लगाने के बाद वह सिर्फ सोचकर माउस का कर्सर मूव कर सकेंगे।
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