जबलपुर । 26 साल पहले संस्कारधानी जबलपुर एक भयानक प्राकृतिक हादसे का शिकार हुआ था । 22 मई, 1997 को जबलपुर में आए भूकंप ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी थी । इस भयावह भूकंप से 41 लोगों की जानें गई थीं और वहीं लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी। उस दिन याद करके आज भी लोग सिहर उठते हैं। जानकारी के मुताबिक 6 रिक्टर स्केल के तीव्रता वाले इस भूकंप ने शहर के कई ईलाकों को तबाह कर दिया था। जबलपुर में आया भूकंप जमीन से 33 किलोमीटर नीचे केंद्रित था। इससे जबलपुर के 70 किलोमीटर के आसपास का इलाका और लगभग 2 हजार से अधिक गांव प्रभावित हुए थे। वहीं शहर के कई हजार से अधिक मकान बर्बाद हो गए थे ।
तत्कालीन प्रधानमंत्री ने किया था दौरा
भूकंप से हुई उस तबाही का जायजा लेने मौजूदा समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल जबलपुर आए आए थे और भूकंप से प्रभावित से मिले थे।
भूकंप के मामले में जबलपुर और नर्मदा घाटी काफी संवेदनशील मानी जाती है। नर्मदा घाटी में धरती के अंदर दो प्लेट के बीच उथल-पुथल के कारण इसे संवेदनशील माना जाता है। जबलपुर को भूकंप के जोन-3 में रखा गया है और यहां 6 से 7 तीव्रता के भूकंप आने की आशंका बनी रहती है ।