जबलपुर । पश्चिम मध्य रेलवे में पहली बार कोटा मंडल के पिंगौरा-कैलादेवी खंड में 160 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रेन चलाने के लिए कवच का कार्य सिगनल एवं दूरसंचार गति शक्ति यूनिट कोटा द्वारा दिनांक 27 अप्रैल को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। कवच का कार्य कोटा मंडल के अन्य खंड़ों में तीव्र गति से प्रगति पर है। तकनीकी रूप से कवच का कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। पिंगौरा-कैलादेवी खंड में 160 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रेन चलाने के लिए लगभग 8 हजार 500 किलो वजन के 40 मीटर ऊँचाई के 4 टॉवरों का निर्माण किया गया जो कि इस रेलवे में पहली बार किया जा रहा है। 20 किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई, पूरे खण्ड में रेडियो फ्रीक्वेंसी टेग लगाये गये तथा कवच के उपकरण लगाने की जरूरत पड़ी। यह कवच (भारतीय रेलवे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली) पूरी तरह से भारत में विकसित की गई अत्याधुनिक रेल सुरक्षा प्रणाली है यह अभी केवल चुनिंदा विकसित राष्ट्रो में ही उपलब्ध है। कवच वर्तमान रेल संचालन प्रणाली के उपर एक महत्त्वपूर्ण विश्वसनीय सुरक्षात्मक परत प्रदान करती है। इसे लागू होने के बाद ट्रेन चालको के द्वारा मानवीय भूल से सिगनल को अनदेखा कर होने वाली सुरक्षा चूक की दुर्घटनाओं से हमेशा के लिए निजात मिल जायेगी।
4 से 5 किलोमीटर आगे की दिख सकेगी स्थिति
इस तकनीकी से ड्राइवर को इंजन के अंदर ही 4 से 5 किमी तक के सिग्नल की स्थिति दिख जाती है जो कि कोहरे के समय बहुत ही उपयोगी है और गाडिय़ों का समय पालन भी प्रभावित नहीं होगा जिसे अब मुंबई-दिल्ली रूट पर कोटा मंडल में नागदा-मथुरा खण्ड के मध्य लगाया जा रहा है। इस कार्य को पमरे महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में एवं कोटा गति शक्ति यूनिट के मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर सचिन शुक्ला के निर्देशन में तथा उप मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजी. राहुल जारेड़ा के नेतृत्व में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है।