जबलपुर । जबलपुर रेल मंडल के भिटौनी-शहपुरा के बीच 45 टन से ज्यादा लोहा चोरी के मामले में अब आरपीएफ के एसआई को भी दोषी बनाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरपीएफ में पदस्थ एसआई सुनील मिश्रा रेलवे चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है । लेकिन बाद में उसे कोर्ट द्वारा जमानत भी मिल गई है। वहीं इस मामले में सूत्रों ने बताया था कि बीते दिन कोटा आरपीएफ से एक विशेष टीम जांच के लिए जबलपुर पहुंची थी। इधर चोरी की घटना की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे जोन के आरपीएफ आईजी प्रदीप गुप्ता ने 2 दिन पूर्व घटना स्थल का निरीक्षण भी किया था।
अभी भी चल रहा ठेकेदार का काम
लगभग 45 टन से ज्यादा रेलवे की पटरियां चोरी हुईं, जिसमें से अब तक 12 टन पटरियों को कबाड़ और मंडीदीप फैक्ट्री से जब्त कर लिया गया है। वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के निजी ठेकेदार सोमू को बनाया गया। आरपीएफ की पूछताछ में उसने चोरी करना भी कबूल किया। रेलवे कोर्ट से उसे जमानत मिल गई, लेकिन ठेकेदार के काम अभी भी जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग में चल रहे हैं। विभाग ने भी उसे ब्लैक लिस्टेट नहीं किया है। इससे जांच प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है। इधर आरपीएफ जल्द ही विभाग को पत्र लिखकर सोमू का काम बंद करने की तैयारी कर रही है ।
इन्होंने कहा...
रेलवे के लोहा चोरी मामले में आरपीएफ में पदस्थ एसआई को भी दोषी बनाकर गिरफ्तार किया गया है। जिसे कोर्ट द्वारा जमानत भी मिल गई। इस मामले में कोटा से कोई भी टीम नहीं आई थी। आरपीएफ जबलपुर द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है।
अरुण कुमार त्रिपाठी, आरपीएफ कमांडेंट