जबलपुर। थाना क्षेत्र सदर में हुई चोरी की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम ही संदेह के दायरे में आ गई है। टीम के एक आरक्षक ने पीड़ित फर्जी सिम से धमकी भरे संदेश भेजे। पीडि़त की शिकायत के बाद पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है। जिसके बाद आरोपित आरक्षक को निलंबित कर दिया गया है। आरक्षक ने एक कबाड़ी के नाम से फर्जी सिमकार्ड खरीदवाया था। इधर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई के बाद कुछ अन्य आरक्षक भी छुट्टी पर चले गए है। ज्ञात हो कि सदर स्थित एक घर में लाखों रुपये की चोरी हो गई थी। इस मामले में केन्ट थाने में 13 मार्च को प्रकरण दर्ज किया गया। केन्ट पुलिस के साथ इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की टीम भी कर रही थी। इस दौरान पीडि़त को एक अंजान नम्बर से वाट्सअप काल और संदेश आया। जिसमें चोरी से जुड़े प्रकरण को लेकर धमकी भरी बातें कही गई थीं। मामले की शिकायत पीडि़त ने पुलिस के आला अधिकारियों से की। जिसके बाद जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पता चला कि जिस सिमकार्ड का उपयोग मैसेज और वाटसएप काल करने के लिए किया गया था, उस सिम को एक कबाड़ी के नाम पर ली गई थी।
अवकाश पर गया दूसरा आरक्षक
जांच करने वाली टीम ने जब कबाड़ी को पकडकर पूछताछ की, तो पता चला कि वह सिमकार्ड उसे क्राइम ब्रांच में पदस्थ आरक्षक खेमचंद प्रजापति के कहने पर उसने खरीदा था। इसी सिमकार्ड से मैसेज किए गए। पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगे, जिसमें प्रजापति सिमकार्ड के साथ नजर आया है। इस मामले में आरक्षक खेमचंद समेत एक अन्य आरक्षक की भूमिका भी संदिग्ध है। जैसे ही खेमचंद को निलंबित किया गया, तो दूसरा आरक्षक 15 दिन के अवकाश पर चला गया।