जबलपुर। सिहोरा को जिला बनाए जाने के लिए पिछले डेढ़ वर्ष से चल रहे आंदोलन के अगले क्रम में आगामी 10 अप्रैल को होने वाले विशाल धरना प्रदर्शन एवं रैली के लिए सिहोरावासी एकजुट होना प्रारंभ हो गए हंै। डेढ़ वर्ष के आंदोलन में यह पहली बार होगा कि सिहोरा, मझौली, बहोरीबंद और ढीमरखेड़ा के लोग अब इस आंदोलन में कूदने की तैयारी में है । लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने इन चारों विकास खंडों को साथ लेकर मुख्य रूप से आंदोलन का केंद्र सिहोरा को बनाया है।
सबने पीठ दिखाई तो जनता आगे आई
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति सिहोरा के नगर में बांटे जा रहे पम्पलेट में कहा है कि अब जब सिहोरा जिला के लिए राजनैतिक दलों ने पीठ दिखाई है तो जनता आगे आई है। समिति के सदस्य सिहोरावासियों को तर्क दे रहे है कि सिहोरा नगर पालिका क्षेत्र में 60 हजार की जनसंख्या है। इनमें भाजपा कांग्रेस और अन्य पार्टियों के पीठ दिखाने वाले कार्यकर्ताओं की अधिकतम संख्या 2 हजार होगी। बाकी 58 हजार अब आगे आए । समिति ने कहा कि हमने राजनैतिक दलों से बहुत अनुनय विनय किया पर अब सीमा 10 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी ।
सामाजिक संगठनों से आस
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने अब बिना प्रचार प्रसार किए सामाजिक संगठनों से मेल जोल बढ़ाया है। सरपंचों के बुलाए सम्मेलन के बाद सम्मेलन में शामिल सरपंचों को राजनैतिक दलों द्वारा हद में रहने की दी गई हिदायतों से समिति सदस्य अब सजग है। यदि सब ठीक रहा तो 22 वर्ष बाद एक बार फिर सिहोरा जिला के लिए एक जंगी निर्णायक आंदोलन सामने आएगा।
विधायक ने दिया था आश्वासन
समिति ने आरोप लगाया कि विधायक सिहोरा द्वारा जबलपुर में मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन दिया गया था जो पूरा नही किया गया। साथ ही विधानसभा सत्र के दौरान सिहोरा जिला के संबंध में विधानसभा प्रश्न लगाने का आश्वासन भी विधायक नंदनी मरावी द्वारा दिया गया था। विधायक द्वारा ऐसा नही किया गया। समिति के नागेन्द्र क़ुररिया, अनिल जैन, सुशील जैन, आप नेता मोनू रजक, गणेश राय, नंदू परौहा, कृष्ण कुमार क़ुररिया, रामजी शुक्ला, नत्थू पटेल, वीरू दुबे, अनिल क़ुररिया, राजेन्द्र गर्ग, अमित बक्शी, मानस तिवारी, अखिलेश पटेल आदि ने सभी क्षेत्रवासियों से 10 अप्रैल को जंगी प्रर्दशन के लिए आह्वान किया है।