जबलपुर। पूर्व आदेश की नाफरमानी करने पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक भोपाल सौरभ बंधोपाध्याय व वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी भोपाल अजय कुमार दीक्षित को अगली सुनवाई के दौरान हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। कैट के न्यायिक सदस्य जस्टिस एके श्रीवास्तव व प्रशासनिक सदस्य राजेश चंद्रा की डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई 16 मई को निर्धारित की है। होशंगाबाद के इटारसी में रहने वाले शिवांश पांडे ने याचिका दायर कर बताया कि वह भूमि विस्थापित है। रेलवे ने उसकी जमीन अधिग्रहित की है। उसके बदले नौकरी देने का वादा किया था। जब वादा पूरा नहीं हुआ तो कैट में याचिका दायर की गई। पूर्व में कैट ने रेलवे के सक्षम अधिकारी 7 दिन के भीतर नियुक्ति देने के आदेश दिए थे।
अवमानना याचिका की गई प्रस्तुत
आवेदक की ओर से अधिवक्ता नरिन्दरपाल सिंह रूपराह ने दलील दी कि रेलवे प्रशासन ने नियुक्ति देने से इनकार करते हुए कुछ ऐसे कारण बताएं जो कि अदालत की अवमानना की श्रेणी में आते हैं। इसलिए अवमानना याचिका प्रस्तुत की गई थी। उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से जो जवाब प्रस्तुत किया गया है, उससे अदालत की अवज्ञा स्पष्ट परिलक्षित होती है। एक आवेदन पेश कर वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी भोपाल को भी पक्षकार बनाने की मांग की गई थी।