जबलपुर । पश्चिम मध्य रेल, भोपाल मण्डल के बरखेड़ा से बुदनी (घाट सेक्शन) के मध्य निर्माणाधीन 26.50 किलोमीटर रेल लाइन तिहरीकरण खंड का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बरखेड़ा-बुदनी के बीच नई तीसरी लाइन के निर्माण के लिए अधोसंरचना कार्य एक महत्वपूर्ण कार्य है । भोपाल-इटारसी सेक्शन पर तीसरी लाइन के निर्माण का कार्यों में से हबीबगंज-बरखेड़ा 41.42 किमी, जनवरी 2021 में कमीशन किया गया। बुदनी- इटारसी 25 कि.मी. मार्च 2020 में कमीशन किया गया। यह दोनों खण्ड मैदानी क्षेत्र में आते हैं।
बरखेड़ा-बुदनी 26.50 किमी रेल लाइन तिहरीकरण का कार्य भी पूर्णता की ओर है। इस खंड के सभी 13 प्रमुख पुल, लगभग 49 लघु पुल एवं सभी 7 सुरंगें पूरी हो चुकी हैं। 4 सुरंगों में ब्लास्ट लेस ट्रैक (बीएलटी) का कार्य पूरा कर लिया गया है, और 3 सुरंगों में कार्य प्रगति पर है। ट्रैक जोड़ने का काम चल रहा है और 11 किमी का काम पूरा हो गया है।
सेंसटिव जोन में आता है एरिया
इस छेत्र में रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी होने के कारण निर्माण में वाइल्ड लाइफ बोर्ड की शर्तों का पालन किया गया है। यह क्षेत्र इको सेंसटिव जोन के अंतर्गत आता है, इसलिए यहाँ का निर्माण कार्य गंभीरतापूर्वक किया जा रहा है । तीसरी लाइन को 25 टन लोडिंग मानकों और 85 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है। कम्पोजिट गर्डर सहित 13 बड़े पुलों और विभिन्न आकार के 49 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है। रातापानी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र में 30 मीटर चौड़ा ओवरपास 1:12 की ढलान प्रदान करने वाले रैंप के साथ निर्माणाधीन है। ये ओवरपास जंगली जानवरों को रेलवे ट्रैक पार करने के लिए सुरक्षित पास मुहैया कराएंगे| पश्चिम-मध्य रेलवे का भोपाल-इटारसी मार्ग भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण और व्यस्त खंड है, जो भारी मात्रा में यात्री और माल यातायात परिवहन करता है। यह उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम ट्रंक मार्गों पर कार्य करता है। वर्तमान में इस सेक्शन पर औसतन 48 मालगाड़ियों के साथ 110 से अधिक मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। इस खण्ड की क्षमता उपयोग 170% है।
पमरे बनेगा पहला जोन
पश्चिम मध्य रेल में बीना-भोपाल-इटारसी रेलखण्ड पर बीना से इटारसी तक 233 किमी तीसरी लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर इस रेलखण्ड के जीटी रूट पर कार्य पूर्ण करने वाला पश्चिम मध्य रेल पहला जोन बन जायेगा। इस तीसरी रेल लाइन के चालू हो जाने से गाड़ियों की गति बढ़ने के साथ ही क्षेत्र की प्रगति होगी।