जबलपुर। लगातार चौथे दिन भी जिला अदालत के अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से विरत रहे। इस संबंध में जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर के अध्यक्ष आर के सिंह सैनी व सचिव राजेश तिवारी के द्वारा बताया गया कि दिनांक 17 मार्च को सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है क्योकि उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देश जो कि 25 प्रकरणों को तीन माह में निराकृत करना है में कुछ परिवर्तन हो सकें व निर्धारित समय सीमा की अवधि को समाप्त किया जायें। न्यायिक कार्य से विरत रहने का मुख्य कारण उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देश के कारण जिसमें म.प्र. उच्च न्यायालय द्वारा अधीनस्थ न्यायालयों को निर्देशित किया गया है कि पिछले वर्ष जैसा इस वर्ष भी पुराने प्रकरणों को सूचीबद्ध किया जाये और समय सीमा अर्थात् 25 प्रकरणों का निराकरण तीन माह के अंदर किया जाये उक्त निर्देश के अनुसार पुराने प्रकरण समय सीमा के अन्तर्गत निराकृत किये जायेंगे जिससे लोगों को न्याय प्राप्त नहीं हो रहा है बल्कि केवल प्रकरणों का निराकरण होगा और पक्षकारों के साथ अधिवक्ताओं और न्यायालयों पर भी अनावश्यक दबाव हो रहा है कि उक्त मामले शीघ्र सुनवाई कर निराकृत किये जाये जिससे न्याय का उद्देश्य विफल हो रहा है ।
19 मार्च तक रहेगा प्रतिवाद दिवस
उन्होंने आगे बताया कि अधिवक्तागण यदि अधीनस्थ न्यायालयों से निवेदन करते है और उन्हें अपनी व्यक्तिगत परेशानी या कारण बताते हुये भी प्रकरण में अग्रिम तिथि की मांग की जाती है परंतु अधीनस्थ न्यायालय किसी भी सद्भाविक कारणों से भी प्रकरण में अग्रिम तिथि प्रदान नहीं की जाती है। प्रतिवाद दिवस निरंतर जारी है आज जिसका चौथा दिवस है तथा जिला अधिवक्ता संघ दिनांक 19 मार्च तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर के अध्यक्ष आर के. सिंह सैनी, सचिव राजेश तिवारी उपाध्यक्ष अखिलेश चौबे उपाध्यक्ष महिला ज्योति राय, सह-सचिव यतेन्द्र अवस्थी, कोषाध्यक्ष अजय दुबे, पुस्तकालय सचिव अमित कुमार साहू कार्यकारणी प्रदीप परसाई (बाबा), शैलेन्द्र यादव, रेणुका शुक्ला, राजू बर्मन उपस्थित रहे।