जबलपुर। मौसम के बदलते के बीच एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है, बुधवार को एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है जिसके कांटे्रक्ट टे्रस किये जाकर उसे उपचार दिया जा रहा है। जबकि दो एक्टिव केस उपचारार्थ हैं। होली के पूर्व भी एक पॉजिटिव पाया गया था जिसके बाद कल एक नया संक्रमित पाया गया है। सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि कोरोना संक्रमण का पता चलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट को गई है। मरीज में कोरोना संक्रमण के खास लक्षण नहीं है। वहीं कोरोना संक्रमण से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन मौसम के करवट बदलने के साथ ही सावधानी रखने की आवश्यकता है। बहरहाल प्रोटोकॉल के तहत मरीज को होम आइसोलेशन में रखा गया है। डॉ. मिश्रा का कहना है कि सर्दी, खांसी या इस प्रकार के लक्षण होने पर मास्क लगाने से परहेज न करें और सोशल डिस्टेसिंग मेंटेन करें।
अब तक कुल पॉजिटिव 68652
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना दुष्काल के बीते दो वर्ष से बुधवार 15 मार्च तक शहर में कुल 68652 पॉजिटिव केस पाये जा चुके हैं। कोरोना पॉजिटिव केस से मृतकों की कुल संख्या 817 बताइ जा रही है। कल जो दो एक्टिव केस पाये गये हैं उन्हें आइसोलेट किया जाकर उपचार दिया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि मौसम करवट बदल रहा है दोपहर में तेज धूप के बीच उत्तरी हवायें चल रहीं हैं जिसका असर रात और अलसुबह महसूस किया जा सकता है इस तरह का मौसम बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों के लिये काफी चिंताजनक है। अभी गर्मी शबाब पर नहीं आई है इसलिये कूलर, एसी, ठंडे पेय व खाद्य पदार्थों से सावधानी जरूरी है। ऐसे मौसम में सर्दी, जुखाम और गले में खराश के मामले जिला अस्पताल व चिकित्सकों के सामने आ रहे हैं जिनपर गंभीरता जरूरी है।
अब तक कुल पॉजिटिव 68652
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना दुष्काल के बीते दो वर्ष से बुधवार 15 मार्च तक शहर में कुल 68652 पॉजिटिव केस पाये जा चुके हैं। कोरोना पॉजिटिव केस से मृतकों की कुल संख्या 817 बताइ जा रही है। कल जो दो एक्टिव केस पाये गये हैं उन्हें आइसोलेट किया जाकर उपचार दिया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि मौसम करवट बदल रहा है दोपहर में तेज धूप के बीच उत्तरी हवायें चल रहीं हैं जिसका असर रात और अलसुबह महसूस किया जा सकता है इस तरह का मौसम बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों के लिये काफी चिंताजनक है। अभी गर्मी शबाब पर नहीं आई है इसलिये कूलर, एसी, ठंडे पेय व खाद्य पदार्थों से सावधानी जरूरी है। ऐसे मौसम में सर्दी, जुखाम और गले में खराश के मामले जिला अस्पताल व चिकित्सकों के सामने आ रहे हैं जिनपर गंभीरता जरूरी है।