जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल द्वारा रेल सौरभ (ऑफिसर्स कॉलोनी) के सभागार में दिनांक 2 मार्च से 4 मार्च तक तीन दिवसीय अंतर रेल नाटक प्रतियोगिता महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल के संरक्षण में एवं प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी एवं पमरे सांस्कृतिक अकादमी अध्यक्ष के मार्गदर्शन में कार्मिक विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। इस अवसर पर विजेता टीमों को महाप्रबंधक एवं पमरे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा तथा अपर महाप्रबंधक एवं पमरे महिला कल्याण संगठन की उपाध्यक्षा द्वारा पुरस्कार वितरण कर समारोह संपन्न हुआ। प्रथम पुरस्कार ईस्टर्न रेलवे के नाटक शास्ती को, द्वितीय पुरस्कार पश्चिम मध्य रेलवे के नाटक सखी सुहाग राम मोहे दीन्हा को एवं तृतीय पुरस्कार बनारस लोकोमोटिव वर्क्स के नाटक सूतपुत्र को मिला। सर्वोच्च निर्देशन का पुरस्कार पश्चिम मध्य रेलवे के निर्देशक संजय गर्ग को दिया गया साथ ही साथ बेस्ट अभिनेता का पुरस्कार भी पश्चिम मध्य रेलवे के रिजवान अली को दिया गया। यह समापन समारोह पमरे महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के मुख्य आतिथ्य एवं पमरे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा संध्या गुप्ता के विशिष्ठ अथिति में उल्लासपूर्वक संपन्न हुआ। अपने उद्धबोधन में महाप्रबंधक जी ने पश्चिम मध्य रेल सांस्कृतिक अकादमी को ‘‘अंतर रेलवे नाट्य प्रतियोगिता‘‘ के सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूँ। साथ ही इस प्रतियोगिता में शामिल सभी कलाकारों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भी पश्चिम मध्य रेल की ओर से बधाई देता हूँ।
कुळ 20 दलों ने लिया भाग
इस प्रतियोगिता में विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे/उत्पादन इकाइयों से कुल 20 दलों ने भाग लिया, जिसमें लगभग 350 रेल कर्मचारी एवं उनके सहभागी द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी गई। इस प्रतियोगिता में सभी क्षेत्रीय रेलवे/उत्पादन इकाइयों द्वारा अपने-अपने राज्यों की रंग बिरंगी विभिन्न वेशभूषा के साथ मनमोहक आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। इस नाट्योत्सव के पहले दिन 10 नाटकों का मंचन किया गया जिनमें इस अंतर रेलवे सांस्कृतिक प्रतियोगिता नाट्योत्सव "भावतरंग" का पहला नाटक बनारस रेल इंजन कारखाना, वाराणसी द्वारा "सूतपुत्र" नाट्य की प्रस्तुति की गई। इसमें वीर योध्दा महारथी कर्ण, कृष्ण, कुन्ती, दुर्योधन, अर्जुन, द्रोणाचार्य आदि पात्रों के जरिये आज के समय के सवालों के जवाब तलाशने की सफल कोशिश की गई। माॅडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली द्वारा राजा हरिश्चन्द्र की जीवनी पर आधारित नाटक "सत्य की परीक्षा" का मंचन किया गया। उत्तर पूर्व रेलवे, गोरखपुर द्वारा "सिजोफ्रेनिया" भूलने की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की परिचर्या का चित्रण प्रस्तुत किया गया। इनके अलावा प्रथम दिन प्रस्तुत अन्य नाटकों में मध्य रेल, मुंबई द्वारा "गेंदा", पूर्व तट रेलवे भुवनेश्वर द्वारा "नागमण्डल", पूर्व रेल द्वारा "शास्ति", आईसीएफ चैन्नई द्वारा "छमायाम ", उत्तर रेलवे द्वारा "आज़ाद लहू", उत्तर मध्य रेलवे द्वारा "बेबसी" एवं एनएफआर द्वारा "बोनसाई" शीर्षित नाटकों की प्रस्तुति दी गई। इसी श्रृंखला में दिनांक 03.03.2023 को 10 नाटकों का मंचन किया गया जिनमें उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर द्वारा "इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर" के माध्यम से इंस्पेटर मातादीन द्वारा पुलिस की कार्यशैली पर व्यंगात्मक चित्रण किया गया। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक शोभन चौधुरी, प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक राजेश पाठक, प्रमुख मुख्य इलेक्ट्रिक इंजीनियर श्केश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक पंकज शर्मा, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकार एस. के. अलबेला, प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक डी. सी. अहिरवार, मण्डल रेल प्रबंधक जबलपुर विवेक शील, सचिव महाप्रबंधक राहुल जयपुरियार एवं महिला कल्याण संगठन की उपाध्यक्षा सन्निति चौधुरी तथा अन्य सदस्याओं सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।