रेल मजदूर संघ की मेहनत रंग लाई, कैडर परिवर्तन में होगी आसानी
जबलपुर। विषम परिस्थितियों में रेल ट्रेक पर जान जोखिम में डालकर कठिन कार्य करने वाले ट्रेकमेन्टेनर्स का कैडर परिवर्तन करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है। अब ऐसे शिक्षित ट्रेक मेनटेनर्स की नियुक्तियां अन्य विभागों में की जा सकेंगी। हालांकि रेलवे में पहले यह प्रावधान था परन्तु ट्रेकमेन्टेनर्स की अभी तक रिक्तियां होने की वजह से इंजी. विभागाधिकारी ट्रेकमेन्टेनर्स को अन्य विभागो जैसे यांत्रिक, विद्युत, ट्रॉफिक व एसएण्डटी में जाने के लिए भार मुक्त नही कर पाते थे। उक्त पीड़ा को एनएफआईआर ने रेलवे बोर्ड के समक्ष पुरजोर तरीके से वर्ष 2010 के पूर्व से लगातार उठाया। एनएफआईआर के कार्यकारी अध्यक्ष व डब्ल्यूसीआरएमएस के अध्यक्ष डॉ आर.पी. भटनागर ने रेलवे बोर्ड के समक्ष सुझाव दिया था कि अन्य विभागों की 10 प्रतिशत रिक्तियों को ट्रेकमेन्टेनर्स में जोड़कर स्वीकृत पदो से 10 प्रतिशत ज्यादा ट्रेकमेन्टेनर्स की भर्ती करने का प्रावधान किया जाये। जिससे भर्ती होने पर 10 प्रतिशत ट्रेकमेन्टेनर्स को अन्य विभागों में कैडर परिवर्तन हो सके। डॉ. भटनागर ने यह भी सुझाव दिया था कि वर्तमान में ट्रेकमेन्टेनर्स जैसे पद पर भारतीय रेल के साथ - साथ पमरे में बड़ी संख्या में शिक्षित ट्रेकमेन्टेनर्स एवं महिला ट्रेकमेन्टेनर्स नये कर्मचारियो में शामिल हुये है । अत: उन्हें कैडर चेंज की सुविधा बिना बाधाओं के प्राप्त होना चाहिए जिसमें जीडीसीई व एलडीसीई भी शामिल है। ज्ञातव्य है कि विगत दिनो एक लंबे संघर्ष के बाद जबलपुर जोन के कोटा, भोपाल एवं जबलपुर मंडल के कर्मचारियो के 1800/- एवं 1900/- ग्रेड पे के कर्मचारियो को जीडीसीई के तहत इसी भावना अनुरूप 270 पदो की अधिसूचना निकलवाई गयी है। जिससे शिक्षित कैडर को विभिन्न विभागों में जाने के अवसर प्राप्त हो सके। उक्त प्रस्ताव को अंतत: रेलवे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया । संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने 13 मई को आदेश जारी करते हुये यांत्रिक, विद्युत, ट्रॉफिक व एसएण्डटी विभागो की 10 प्रतिशत रिक्तियों को ट्रेकमेन्टेनर्स की रिक्तियों में जोडऩे का आदेश जारी कर दिया है। संघ के कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार, मंडल अध्यक्ष एस.एन. शुक्ला, मंडल सचिव डी.पी. अग्रवाल, संयुक्त महासचिव एस.के वर्मा सविता त्रिपाठी, शेख फरीद , विष्णु देव शाह, राकेश सिंह, सुनील टेक चंदानी, के.के साहू, एस.आर. बाउरी, एस.के. श्रीवास्तव, अवधेश तिवारी, दीना यादव, जी.पी. सिंह, आदि ने कहा कि एनएफआईआर/डब्ल्यूसीआरएमएस के संघर्ष से टे्रकमेन्टेनर्स को कैडर परिवर्तन करने की सौगात मिली है ।