20 साल से लापता संन्यासी को घर ले आई मां की ममता, जानें पूरा सच



एजेंसी। मां की ममता जब सताती है तो बेटे का कलेजा भी तार-तार हो जाता है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सामने आया है। बीस साल पहले जो बेटा घर छोड़कर भाग गया था, वह संन्यासी के रूप में वापस घर लौट आया। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में तमकुहीराज क्षेत्र के सरया खुर्द गांव में एक विधवा मां अपने पुत्र को मृत मान चुकी थी, लेकिन तभी उसका पुत्र अचानक घर लौट आया। मां की ममता पुत्र को अचानक सामने पाकर आंसुओं के रूप में छलक पड़ी। यह देख अन्य लोगों की आंखें भी भर आईं।
तरयासुजान थाना क्षेत्र के सरया खुर्द गांव के निवासी भगवती पांडेय के तीन पुत्र हृदया, प्रशांत व अनिल में हृदया ज्येष्ठ पुत्र हैं। लगभग बीस वर्ष पूर्व हृदया अपने बहनोई के साथ रोजी रोटी की तलाश में पंजाब के लुधियाना शहर चले गए थे। कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा। इसी बीच किसी बात को लेकर बहनोई से उनकी अनबन हो गई। नाराज हृदया बिना बताए वहां से कहीं चले गए। घर वाले व उनके रिश्तेदार हृदया की खोजबीन करते रहे, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। बेटे की राह देखते देखते पिता भगवती स्वर्ग सिधार गए। परिवार एवं रिश्तेदारों ने हृदया को मृत मान लिया था। लेकिन अचानक एक सन्यासी उनके दवाजे पर आ गया। सन्यासी की आवाज सुनकर मां तुरंत पहचान ली कि यही उनका लापता पुत्र है। पुत्र को सामने देखकर मां की ममता जाग उठी। मां के भाव विह्वल होकर पूछताछ करने पर सन्यासी ने बताया कि वह हृदया पांडेय ही हैं।

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