NFIR/WCRMS का संघर्ष रंग लाया, ’गुड’ APAR वाले रेल कर्मचारियों को ’’वेरीगुड’’माना, हजारों रेल कर्मियों को मिलेगा फायदा



जबलपुर। 7वें पे-कमीशन के लागू  होने पर रेलवे बोर्ड ने एम.ए.सी.पी.एस. के तहत होने वाले वित्तीय लाभ व अपग्रेडेशन के लिए APAR की ग्रेडिंग की शर्त ’गुड’ से ’वेरी गुड’ कर 25.07.2016 से सभी पदों के लिए लागू कर दी थी,  जिससे हजारों रेल कर्मचारी वित्तीय लाभ व अपग्रेडेशन से वंचित हो गए थे । 

उक्त पीड़ा को NFIR के कार्यकारी अध्यक्ष व डब्ल्यू.सी.आर.एम.एस. के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. भटनागर ने लगातार रेलवे बोर्ड व भारत सरकार के समक्ष रखा। एनएफआईआर ने 13 अप्रेल 2019 को राष्ट्रीय परिषद /   जे.सी.एम. की बैठक में केबिनेट सचिव भारत सरकार श्री सिन्हा के समक्ष   पुरजोर  तरीके से रखा, जिस पर सहमति बनी थी कि  25.07.2016 के पूर्व के तीनो वर्षा  की APAR में जिन कर्मचारियों को ’’गुड’’ ग्रेडिंग मिली थी उनको ’’वेरी गुड’’ मानकर  एम.ए.सी.पी.एस. के तहत अपग्रेड किया जायें, जिससे वित्तीय लाभ देने वाली पदौन्नति से रेल कर्मचारी वंचित न हो ।  

संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि आचार संहिता खत्म होते ही विगत दिवस उक्त आशय के आदेश रेलवे बोर्ड ने जारी कर दिये  जिससे अब भारतीय रेल के हजारों रेल कर्मचारियों को फायदा मिलेगा ।  संघ के  कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार, मंडल अध्यक्ष एस.एन. शुक्ला, मंडल सचिव डी.पी. अग्रवाल, संयुक्त महासचिव एसके वर्मा ,सविता त्रिपाठी, शेख  फरीद ,  राकेश सिंह, सुनील टेक चंदानी, केके साहू, एस.आर. बाउरी, एस.के. श्रीवास्तव, अवधेश तिवारी, दीना यादव, जी.पी. सिंह, आर.ए. सिंह आदि ने रेलवे बोर्ड के उक्त फैसले पर हर्ष व्यक्त किया ।

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