जबलपुर। एनएफआईआर और वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के प्रयासों से 30 हजार रेल कर्मियों की बल्ले-बल्ले होने जा रही है। इन कर्मियों को 212 प्रतिशत का भुगतान रेलवे द्वारा किया जाएगा। यह लाभ आचार संहिता हटने के बाद दिए जाने की जानकारी सामने आ रही।
एनएफआईआर और डब्ल्यूसीआरएमएस द्वारा हमेशा रेलकर्मियों की जायज मांग को लेकर आवाज उठाई जाती है। रनिंग स्टाफ को मिलने वाले माइलेज को लेकर कई बार रेलवे बोर्ड में दबाब बनाया गया, जिसके चलते वित्त मंत्रालय और रेल बोर्ड ने एनएफआईआर की मांग पर मुहर लगाते हुए 212 प्रतिशत माइलेज एलाउंस देने का फैसला किया है।
एनएफआईआर के महामंत्री एम राधवैया, डब्ल्यूसीआरएमएस अध्यक्ष आरपी भटनागर और महामंत्री अशोक शर्मा के साथ 13 अप्रैल 2019 को नेशनल कांफ्रेंस की बैठक भारत सरकार के कैबिनेट सेकेट्री के साथ हुई थी। बैठक में उक्त सभी ने भारतीय रेल में कार्यरत करीब 30 हजार रनिंग स्टॉफ को मिलने वाले माइलेज के संबंध में चर्चा की जिसमें आश्वासन मिला लेकिन हुआ कुछ नही। इसके बाद 25-26 अप्रैल को पुनः दिल्ली रेल भवन रेलवे बोर्ड में एनएफआईआर के साथ मिटिंग हुई जिसमें रनिंग स्टॉफ की लम्बित फाइल को क्लियर कराने का आश्वासन केबिनेट सेकेट्री ने दिया।
1 जुलाई 2017 से मिलेगा 212 प्रातिशत का लाभ
डब्ल्यूसीआरएमएस के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया है कि जल्द ही 30 हजार रेल कर्मियों को 1 जुलाई 2017 से रनिंग एलाउंस का लाभ मिलेगा। वित्त मंत्रालय और रेलवे बोर्ड कि मुहर के बाद रनिंग स्टॉफ को 525 रुपए प्रति 100 किलोमीटर पर रनिंग एलाउंस देने का आदेश जारी किया है, जिसके तहत प्रत्येक कर्मी को 212 प्रतिशत के साथ भुगतान रेलवे द्वारा किया जाएगा।
संघ के कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार, मंडल अध्यक्ष एस.एन. शुक्ला, मंडल सचिव डी.पी. अग्रवाल, संयुक्त महासचिव एसके वर्मा, सविता त्रिपाठी, शेख फरीद , विष्णु देव शाह, राकेश सिंह, सुनील टेक चंदानी, केके साहू, एस.आर. बाउरी, एस.के. श्रीवास्तव, अवधेश तिवारी, दीना यादव, जी.पी. सिंह आदि ने कहा कि एनएफआईआार/डब्ल्यूसीआरएमएस रेल कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण कराने और उनकी समस्याओं को दूर कराने के लिए कृत संकल्पित है ।