मकर संक्रांति के मौके पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले का आगाज हो चुका है। मंगलवार को पहला शाही स्नान है। सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु-संतों ने स्नान किया। इसके बाद श्री पंचायती अटल अखाड़े के संतों ने संगम तट पर डुबकी लगाई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी गंगा में स्नान किया। परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा ने सुबह 6.15 बजे शाही स्नान किया। इसके बाद अटल अखाड़े के महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत व श्रीमहंत ने शाही स्नान किया।
हर तपस्वी की यही इच्छा होती है कि वो धर्म के सबसे बड़े मेले में संगम तट पर शाही स्नान का हिस्सा बनें। ऐसे में सालों बाद जब ये मौका आया तो कड़ाके की ठंड को भी मात देते हुए संन्यासियों ने शाही स्नान किया। पूरे धूमधाम से शोभा यात्रा निकालते हुए निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु संतों ने संगम तट पर शाही स्नान किया। केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। वह भी इस पावन पर्व पर कुंभ के शंखनाद की साक्षी बनीं।
मध्य रात्रि के बाद से ही देश और विदेश से मेले के लिए यहां जुटने वाले श्रद्धालु स्नान घाटों की ओर बढ़ने शुरू हो थे। करीब 13 ‘अखाड़े’ मंगलवार को ‘शाही स्नान’ में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें प्रत्येक को कुंभ के अधिकारियों द्वारा लगभग 45 मिनट दिया जाएगा। इन सबके बीच संगम में 5 किलोमीटर के स्नान घाट पर आने-जाने के लिए सुरक्षा-व्यवस्था का भी खास इंतजाम किया गया है। पोंटून पुलों का निर्माण किया गया है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन पुलों के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
जानें मंगलवार को अखाड़ों के स्नान का समय
समय | अखाड़ा |
06:15 | श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री पंचायती अटल अखाड़ा |
07:05 | श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा |
08:00 | श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा, श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा |
10:40 | श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़ा |
11:20 | श्री पंच दिगंबर अनि अखाड़ा |
12:20 | श्री पंच निर्वाणी अनि अखाड़ा |
01:15 | श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन |
02:20 | श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन |
03:40 | निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा |
कुंभ में 6 मुख्य स्नान पर्व, तीन शाही स्नान
भारत में चार जगहों पर कुंभ होता है। इनके नाम- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक हैं। इनमें से हर स्थान पर 12वें साल कुंभ होता है। प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच 6 साल के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है। प्रयागराज में पिछला कुंभ 2013 में हुआ था। 2019 में यह अर्द्धकुंभ है। हालांकि यूपी सरकार इसे कुंभ बता रही है। प्रयागराज में पूर्ण कुंभ 2025 में होगा।
ये हैं 6 प्रमुख तिथियां
मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, वसन्त पंचमी, माघी पूर्णिमा, महाशिवरात्रि। पौष महीने की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। जो 2019 में 21 जनवरी को होगी इसके बाद ही माघ महीने की शुरुआत होती है। कुंभ मेले में पांचवां स्नान 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन होगा।
कुंभ की ये हैं दिलचस्प बातें
– 45 वर्ग किमी में कुंभ मेला
– 600 रसोईघर
– 48 मिल्क बूथ
– 200 एटीएम
– 4 हजार हॉट स्पॉट
– 1.20 लाख बायो टॉयलेट
– 800 स्पेशल ट्रेनें चलाईं
– 300 किमी रोड बनी
– 40 हजार एलईडी
– 5 लाख गाड़ियों के लिए पार्किंग एरिया
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